लेखिका – सुरभि
सम्पादिका – मस्त कामिनी
मेरी सेक्स स्टोरी पढ़ने वाले सभी पाठकों को मेरा स्नेहमयी नमस्कार…
मित्रो, मैं सुरभि। 22 साल की “एक खूबसूरत महिला” हूँ…
अभी दो साल पहले ही मेरी शादी जयपुर निवासी आलोक से हुई है।
उन दिनों मैं देल्ही के ग्रीन पार्क में रहती थी और मेरी एक ननद रूपाली भी करोल बाघ में रहती है।
उनके पति माधव सिंह का “स्पेयर पार्ट” का बिज़्नेस है।
रूपाली दीदी बहुत ही हँसमुख महिला हैं।
माधव जी मुझे अक्सर “गहरी नज़रों” से घूरते रहते थे, मगर हमेशा मैंने नज़र अंदाज़ किया।
मैं बहुत “सेक्सी लड़की” थी…
मेरे कॉलेज मे काफ़ी चाहने वाले थे, मगर मैंने सिर्फ़ दो लड़कों को ही लिफ्ट दी थी, लेकिन मैंने कभी किसी को अपना बदन छूने नहीं दिया इस वजह से बात नहीं बन पाई।
मैं चाहती थी की “सुहाग रात” को ही मैं अपना बदन अपने पति के हवाले करूँ!!
मगर मुझे क्या पता था की मैं शादी से पहले ही “सामूहिक संभोग” का शिकार हो जाउंगी और वो भी ऐसे आदमी से जो मुझे सारी जिंदगी रौंदता रहेगा… …
शादी की सारी बातचीत रूपाली दीदी ही कर रही थी इसलिए अक्सर उनके घर आना जाना लगा रहता था। कभी कभी मैं सारे दिन वहीं रुक जाती थी…
एक बार तो रात में भी वहीं रुकना पड़ा था…
मेरे घर वालों के लिए भी ये समान्य बात हो गई थी। वो मुझे वहाँ जाने से नहीं रोकते थे।
शादी को अब सिर्फ़ बीस दिन बाकी थे।
इधर मुझे अक्सर रूपाली दीदी के घर आना जाना पड़ता था…
इस बार भी उन्होंने फोन कर के कहा – बन्नो, कल शाम को घर आजा… हम दोनों जेवरातों का ऑर्डर देने चलेंगे और शाम को कहीं खाना वाना खाकर देर रात तक घर लौटेंगे… बता देना अपनी मम्मी से की कल तू हमारे यहीं रात को रुकेगी… सुबह नहा धोकर ही तुझे वापस भेजूँगी…
मैंने कहा – जी, आप ही मम्मी को बता दो ना… और मैंने फोन मम्मी को पकड़ा दिया।
उन्होंने मम्मी को कन्विन्स कर लिया।
अगले दिन शाम को करीब छे बजे को मैं तैयार हो कर अपनी होने वाली ननद के घर को निकली…
मैंने खूब गहरा मेकअप कर रखा था।
सर्दियों के दिन थे, इसलिए अंधेरा छाने लगा था…
मैं करोल बाघ में उनके घर पर पहुँची।
दरवाजा बंद था। मैंने डोर बेल बजाया और काफ़ी देर बाद माधव जी ने दरवाजा खोला…
दीदी हैं… ?? मैंने पूछा…
वो कुछ देर तक मेरे बदन को ऊपर से नीचे तक घूरते रहे पर कुछ बोला नहीं…
मैंने कहा – हटिए, ऐसे क्या देखते रहतें हैं मुझे… बताऊँ क्या दीदी को… मैंने उनसे मज़ाक किया और फिर पूछा – कहाँ हैं दीदी… ??
उन्होंने बेडरूम की तरफ इशारा किया और दरवाजे को बंद कर दिया तब तक भी मुझे कुछ अस्वाभाविक नहीं लगा… …
मगर बेडरूम के दरवाजे पर पहुँचते ही मुझे चक्कर सा आ गया!!!
अंदर दो आदमी बेड पर बैठे हुए थे। उनके बदन पर सिर्फ़ शॉर्ट्स था और ऊपर से वो सभी “निर्वस्त्र” थे।
उनके सभी के हाथों में शराब के ग्लास थे और सामने ट्रे में कुछ स्नैक्स और एक शराब की आधी बॉटल रखी हुई थी… …
अचानक पास में मेरी नज़र गई, उधर टीवी पर कोई “ब्लू फिल्म” की सीडी चल रही थी…
अब मेरा दिमाग़ ठनका और मैंने वहाँ से भाग जाने में ही अपनी भलाई समझी…
वापस जाने के लिए जैसे ही मूडी माधव की “नग्न छाती” से टकरा गई…
वो बड़ी बेशर्मी से बोला – मेरी जान, इतनी जल्दी भी क्या है… कुछ देर हमारी महफ़िल में भी तो बैठो… दीदी तो कुछ देर बाद आ जाएगी… कहकर उसने मुझे ज़ोर से धक्का दिया।
और मैं उन लोगों के बीच जा गिरी… …
फिर उन्होंने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया।
मुझे छोड़ दो, मेरी कुछ ही दिनों में शादी होने वाली है… जीजाजी, आप तो मुझे बचा लो, मैं आपके साले की होने वाली बीवी हूँ… मैंने उनके सामने हाथ जोड़ कर मिन्नतें की।
अब माधव बोला – भाई, मैं भी तो देखूं तू मेरे साले को संतुष्ट कर पाएगी या नहीं…
मैं दरवाजे को ठोकने लगी और – दीदी दीदी, मुझे बचाओ की आवाज़ लगाने लगी… …
वो बोला – मेरी जान, तेरी दीदी तो अचानक अपने मायके जयपुर चली गई… तुम्हारी होने वाली सास की तबीयत अचानक कल रात को खराब हो गई थी… अब तू जितना चाह चिल्ला पर तेरी आवाज़ वहाँ तक नहीं पहुंचेगी… और वो दरवाजे के पास आकर मुझे लगभग घसीटते हुए बेड तक ले गया… … …
फिर मुझे धक्का देते हुए माधव बोला – बेचारी, मुझे तेरा ख्याल रखने को कह गई थी, इसलिए आज सारी रात हम तेरा ख्याल रखेंगे… कहकर उसने मेरे बदन से चुन्नी नोच कर फेंक दी।
मेरे बलात्कार की सेज सज चुकी थी और मेरे पति के लिए अब तक संभाली हुई मेरी “कुंवारी योनि” तार तार होने वाली थी…
आगे क्या हुआ जानने के लिए प्रतीक्षा कीजिये अगले भाग की… …
तब तक के लिए पढ़ते रहिये – मेरी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम!!!